सिख सैनिकों के लिए हेलमेट की शर्त पर नाराज़गीः 'पगड़ी महज़ कपड़ा नहीं, सर का ताज है'

 भारत में सिखों के धार्मिक संगठनों और राजनीतिक नेताओं ने सेना में सिखों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किए जाने के फ़ैसले का विरोध किया है.

 उनका कहना है कि पारंपरिक पगड़ी सिखों की धार्मिक पहचान का अहम हिस्सा है और उसे दबाया नहीं जा सकता है. 

 भारतीय सेना ने हाल ही में सिख सैनिकों के लिए ख़ास 'बैलिस्टिक हेलमेट' की ख़रीद का ऑर्डर दिया है.

 भारतीय सेना में बड़ी संख्या में सिख सैनिक हैं. सिख धर्म की परंपरा के तहत उन्हें अब तक हेलमेट पहनने से छूट दी जाती रही है.

 रक्षा मंत्रालय ने 400 मीटर तक दूरी से दागी गई गोलियों से सुरक्षा देने के लिए सिख सैनिकों के लिए विशेष डिज़ाइन के 12370 हेलमेट ख़रीदने का टेंडर जारी किया है. 

 इनमें 8911 लार्ज साइज़ और 3819 एक्स्ट्रा लार्ज साइज़ के हैं. भारतीय सेना की सिख रेजीमेंट, सिख लाइट इंफ़ेंट्री और पंजाब रेजीमेंट में सिख सैनिकों की बड़ी संख्या है.

 सिखों को उनकी धार्मिक परंपरा को ध्यान में रखते हुए अब तक हेलमेट पहनने से छूट दी गई थी. 

 लेकिन अब सेना ने अन्य सैनिकों की तरह ही सिख सैनिकों को भी बेहतर सुरक्षा देने के लिए विशेष हेलमेट ख़रीदने का फ़ैसला लिया है.

 हेलमेट के इस टेंडर को जमा करने की आख़िरी तारीख़ 27 जनवरी है. हेलमेट ख़रीदने का फ़ैसला टेंडर जमा होने के बाद ही किया जाएगा. 

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