Maharishi Dayanand Saraswati; प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा दिखाया गया रास्ता ऐसे समय में करोड़ों लोगों में आशा जगाता है जब 21वीं सदी कई संघर्षों के कारण अस्थिर है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती
यहां इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में एक सभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा दिखाया गया मार्ग ऐसे समय में करोड़ों लोगों में आशा जगाता है जब 21वीं सदी कई संघर्षों के कारण अस्थिर है।
प्रधानमंत्री मोदी ने महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह का उद्घाटन किया।
यहां पीएम मोदी के संबोधन के शीर्ष उद्धरण हैं
– यह एक ऐतिहासिक क्षण है, भविष्य के लिए इतिहास लिखने का अवसर है।
-महर्षि दयानंद जी का मानना था कि हमें ही विश्व को विकास की ओर ले जाना चाहिए।
– यह मेरा सौभाग्य है कि मेरा जन्म उस भूमि पर हुआ है जहाँ महर्षि दयानन्द सरस्वती का जन्म हुआ था।
– महर्षि दयानंद जी ने आगे आकर समाज में वेद की समझ को पुनर्जीवित किया। आज देश पूरे गर्व के साथ ‘अपनी विरासत पर गर्व’ का आह्वान कर रहा है।
– महर्षि दयानंद जी भी महिलाओं को लेकर समाज में पनपी रूढ़ियों के खिलाफ एक तार्किक और प्रभावी आवाज के रूप में उभरे। उन्होंने महिला शिक्षा के लिए आंदोलन शुरू किया।
– आज लड़कियां स्वतंत्र रूप से शिक्षा प्राप्त कर सकती हैं, बेटियों को सियाचिन में तैनात किया जा रहा है, और वे राफेल फाइटर जेट उड़ा रही हैं।
-गरीबों, पिछड़ों और दलितों की सेवा आज देश के लिए पहला ‘यज्ञ’ है।
– देश को अब भरोसा है कि वह आधुनिकता लाएगा और अपनी विरासत को भी मजबूत करेगा।
– स्वामी दयानंद सरस्वती ने कई स्वतंत्रता सेनानियों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाई। उनमें से लाखों महर्षि दयानंद सरस्वती से प्रेरित थे।
– स्वामी दयानंद सरस्वती ने न केवल एक रास्ता बनाया बल्कि अपने विचारों के लिए संस्थागत नींव की स्थापना की। उन्होंने अपने विश्वास को स्थापित किया और कई संस्थान बनाए जो समाज के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं।